इलाहाबाद कभी रुकना नहीं हुआ.. गुजरना अक्सर होता
है..पता नहीं क्या बात है इस शहर में जो अपनी तरफ खींचता है हमेशा .... फजाओं
में किसी ने मुहब्बत की हवाएं घोल दी हों जैसे .. आपको यकीन नहीं होगा ..
मैंने ऐसी खुशबुएँ कल खुद महसूस की हैं..हमेशा की तरह......
इलाहाबाद हमेशा -हमेशा तेरी फजाओं में ऐसी
मुहब्बतों की खुशबुएँ रहें...
और हम ऐसे अहसासात दिल में महसूस करते रहें....
और हम ऐसे अहसासात दिल में महसूस करते रहें....
- शाहिद "अजनबी"
18.12.2013, '9'
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